भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारतीय न्यायिक प्रणाली में सर्वोच्च न्यायालय है और संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करता है। यहां भारत के सर्वोच्च न्यायालय के बारे में कुछ प्रमुख विवरण दिए गए हैं: क्षेत्राधिकार: भारत के सर्वोच्च न्यायालय का भारत के संपूर्ण क्षेत्र पर अधिकार क्षेत्र है। यह अपील की अंतिम अदालत है और इसे भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उत्पन्न मामलों की सुनवाई और निर्णय लेने का अधिकार है। संरचना: सर्वोच्च न्यायालय भारत के मुख्य न्यायाधीश और अधिकतम 34 न्यायाधीशों से बना है, जैसा कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जाता है। मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, और वे 65 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक पद पर बने रहते हैं। भूमिका और कार्य: सर्वोच्च न्यायालय की प्राथमिक भूमिका भारत के संविधान की व्याख्या करना और उसे कायम रखना है। इसमें न्यायिक समीक्षा की शक्ति है, अर्थात यह संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित कानूनों की संवैधानिकता की जांच कर सकती है। न्यायालय केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच विवादों को भी सुलझाता है और सार्वजनिक महत्व के मामलों की सुनवाई करता है। मूल और अपीलीय क्षेत्राधिकार: सर्वोच्च न्यायालय के पास मूल और अपीलीय दोनों क्षेत्राधिकार हैं
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