भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति की कानूनी आयु 65 वर्ष है। यहां सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु का अधिक विस्तृत विवरण दिया गया है: संवैधानिक प्रावधान: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) में परिभाषित की गई है। यह लेख सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए योग्यताओं और सेवा शर्तों की रूपरेखा बताता है। यह निर्दिष्ट करता है कि सर्वोच्च न्यायालय का एक न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक पद पर रहेगा। निर्धारित सेवानिवृत्ति आयु: 65 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु संविधान में एक निश्चित और अनिवार्य प्रावधान है। इसका मतलब यह है कि सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त सभी न्यायाधीशों को 65 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर सेवानिवृत्त होना होगा, भले ही उन्हें शुरू में कब नियुक्त किया गया हो। लंबे समय से चली आ रही परंपरा: यह सेवानिवृत्ति की आयु भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के बाद से चली आ रही है, और इसे यह सुनिश्चित करते हुए न्यायपालिका में स्थिरता और निरंतरता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि न्यायाधीशों के पास पर्याप्त अनुभव और विशेषज्ञता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह आयु सीमा एक संवैधानिक प्रावधान है और सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों पर समान रूप से लागू होती है। जब कोई न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक पहुंचता है, तो उसे अपने पद से सेवानिवृत्त होना पड़ता है, और रिक्ति को भरने के लिए एक नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाती है।
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